मैं कमजोर नहीं हूँ.... जिसके कारण कमजोर बना था, अब वह इतना दूर है की कमजोर होने का कारण ही नहीं है.
Saturday, September 11, 2010
टूटा हुआ दिल
इस कदर वो याद करते है हमें,
आँखों ही आँखों में बयाँ करने वाले |
देते है मुस्कराहट का तोहफा,
कल तक जो भूल बैठे थे हमें ||
उलझन में हूँ ख्वाब ही लगता है,
उनका फिर आना एक चाहत सा लगता है |
जी चाहता है थाम लूं दामन उनका,
पर फिर उस टूटे हुए दिल का ख्याल आता है ||
इस कदर वो भूल बैठे हमें,
हर पल पहलू में रहने वाले |
दावा करने थे मरहम बनने का जो,
वही जख्म गहरा दे गए थे हमें ||
वो तो भूल बैठे इस कदर हमें,
हम है कि ख्वाबों में भी उन्हे देखते है |
आज आये है वो फिर इस गुजारिश के साथ,
क्या टूटे हुए दिलों को फिर से जोड़ पायेंगे वो...??
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अति सुन्दर , साधे और सुन्दर शब्दों से सजी हुई रचना के लिए बधाई !!!
ReplyDeleteअथाह...
dhnyvaad
उलझन में हूँ ख्वाब ही लगता है,
ReplyDeleteउनका फिर आना एक चाहत सा लगता है |
जी चाहता है थाम लूं दामन उनका,
पर फिर उस टूटे हुए दिल का ख्याल आता है ||
best lines...
वो तो भूल बैठे इस कदर हमें,
ReplyDeleteहम है कि ख्वाबों में भी उन्हे देखते है |
mst lagi..
ek dm dil ki aawaj
subhkamnaoo ke sath.
shashi kant singh
www.shashiksrm.blogspot.com