Saturday, July 10, 2010

अफसाने

अफसाने बनते नहीं बनाये जाते है,
रोशनी के लिए दिए जलाये जाते है.
यह दुनिया का दस्तूर बहुत पुराना है,
नये दोस्त मिलते ही पुराने भुलाये जाते है.
और हम भी उन्ही दोस्तों मैं है,
जिनको वो अब दोस्त मानते नहीं.
एक नजर उठाके देखना गवारा नहीं उन्हे,
शायद वो अब हमको जानते नहीं.
हमें भी शिकवा नहीं है उनकी रुसवाई का,
हम जानते है की उन्होंने पर्दा डाला है बेवफाई का.........
Sunil Joshi