Tuesday, December 31, 2013

दिल कि दुआ

उन से कह दो मुझे सताना छोड़ दे,
दूसरो के साथ रह कर हर पल मुझे जलाना छोड़ दे।
या तो कर दे इन्कार मुझसे मुहब्बत नहीं,
या गुजरते हुए देख मुझे पलट कर मुस्कराना छोड़ दे॥

ना कर बात मुझसे मुझे कोइ गम नहीं,
यूँ सुनकर आवाज मेरी मेरी तरफ देखना छोड़ दे।
कर दे दिल ए बयान जो छुपा रखा है,
यूँ इशारों मैं बात बताना छोड़ दे॥

क्या इरादा है बता दे अब मुझे,
यूँ दोस्तों को मेरे किस्से सुनना छोड़ दे।
है पसंद जो रंग मुझे,
उस लिबास मैं बार बार आना छोड़ दे॥ 

ना कर याद मुझे बेशक तू,
किताबों मैं लिख लिख नाम मिटाना छोड़ दे।
उन से कह दो मुझे सताना छोड़ दे,
दूसरो के साथ रह कर हर पल मुझे जलाना छोड़ दे॥

Tuesday, November 12, 2013

मुहब्बत


हम उनसे मुहब्बत करें भी तो क्यों करें,
हम उनकी यादों मैं खोये भी तो क्यों खोयें।।
उन्हें तो गुमान है अपने हुस्न पर,
हम उस हुस्न को देख कर जियें भी तो क्यों जियें।।

बहुत तड़पा हूँ उनकी यादों मैं,
बहुत रोया हूँ उनकी जुदाई में।। 
वो तो खुश है अपनी महफिल में तो अपने लोगों में,
अब हम उन्हें अपना कहें भी तो क्यों कहें,
हम उनकी याद मैं रोये भी तो क्यों रोये।।।।

Friday, June 28, 2013

फिर मिलेंगे.....

फिर मिलेंगे
                   लेकिन कहाँ मुझे भी नहीं पता। लेकिन कही न कही हम एक दुसरे से जरुर मिलेगे इतना मुझे यकीन है . कहीं गुलशन के वीराने में तो कही सूखे हुए रेगिस्तान में या शायद तन्हाई भरी राहों पर।
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