Friday, June 28, 2013

फिर मिलेंगे.....

फिर मिलेंगे
                   लेकिन कहाँ मुझे भी नहीं पता। लेकिन कही न कही हम एक दुसरे से जरुर मिलेगे इतना मुझे यकीन है . कहीं गुलशन के वीराने में तो कही सूखे हुए रेगिस्तान में या शायद तन्हाई भरी राहों पर।
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