Saturday, September 11, 2010

टूटा हुआ दिल


इस कदर वो याद करते है हमें,
आँखों ही आँखों में बयाँ करने वाले |
देते है मुस्कराहट का तोहफा,
कल तक जो भूल बैठे थे हमें ||

उलझन में हूँ ख्वाब ही लगता है,
उनका फिर आना एक चाहत सा लगता है |
जी चाहता है थाम लूं दामन उनका,
पर फिर उस टूटे हुए दिल का ख्याल आता है ||

इस कदर वो भूल बैठे हमें,
हर पल पहलू में रहने वाले |
दावा करने थे मरहम बनने का जो,
वही जख्म गहरा दे गए थे हमें ||

वो तो भूल बैठे इस कदर हमें,
हम है कि ख्वाबों में भी उन्हे देखते है |
आज आये है वो फिर इस गुजारिश के साथ,
क्या टूटे हुए दिलों को फिर से जोड़ पायेंगे वो...??

3 comments:

  1. अति सुन्दर , साधे और सुन्दर शब्दों से सजी हुई रचना के लिए बधाई !!!

    अथाह...

    dhnyvaad

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  2. उलझन में हूँ ख्वाब ही लगता है,
    उनका फिर आना एक चाहत सा लगता है |
    जी चाहता है थाम लूं दामन उनका,
    पर फिर उस टूटे हुए दिल का ख्याल आता है ||
    best lines...

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  3. वो तो भूल बैठे इस कदर हमें,
    हम है कि ख्वाबों में भी उन्हे देखते है |
    mst lagi..
    ek dm dil ki aawaj
    subhkamnaoo ke sath.
    shashi kant singh
    www.shashiksrm.blogspot.com

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